MUJHE DIL ME RONA NAHI AATA,
Thursday, November 27, 2008
HAPPY BIRTHDAY RAVI !!!
MUJHE DIL ME RONA NAHI AATA,
Friday, November 21, 2008
सितम तेरे .
1: ये आँखे नही छोड़ सकती हे ग़म ,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम,
फिजाएं न महके, जो DHAAYE सितम ,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम..........
वो आए थे दिल में खुशी थी न कम ,
यू बहकी थी साँसे यू बहके थे हम,
वफायें मेरी तुझसे पूछे सनम,
क्या झूठे थे वादे क्या झूठी कसम ??
क्या झूठे थे वादे क्या झूठी कसम ??
हुयी हे ये आँखे अश्को से नम ,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम........................
२: ख़त लिखा था मेने अश्को से मेरे,
ख़त लिखा था मेने अश्को से मेरे,
उड़ा ले गई हवा उसे बचाकर सितम से तेरे
उड़ा ले गई हवा उसे बचाकर सितम से तेरे.....
३: पहले अपना बनाया तुने,फ़िर चुरा ली नजरें,
पहले अपना बनाया तुने,फ़िर चुरा ली नजरें,
मगर दीवाने की वफ़ा में न आया बदलाव कोई...........!
४: एक न एक दिन तुझको मेरी याद बहुत आएगी,
ये तन्हाई की रातें कभी तुझको भी बहुत रुलाएगी,
था कोई नुझ्पे मरने वाला,में थी बेकदर बेवफा,
यही सोचकर तू रातो को अश्क बहाएगी।
तू रातो को अश्क बहाएगी.......!
५: तेरी याद में डूब जाने के लिए शराब पिता हु,
एक दिन तू आएगी ,बस इसी इंतज़ार में जीता हु,
कभी तोह देख लो आ कर अपने दीवाने की बेबसी,
केसे तेरे दिए जख्मो को उम्मीद के धागों से सीता हु.
Tuesday, November 18, 2008
YAADEIN
३: हुए हे फना तेरी याद में जिस तरह ,कट जाए दिन हमारे देख राह जिस तरह,आँखे भी सुख चुकी ना अश्क बह सके,न ख़बर थी हमें की जुदा होंगे कुछ इस तरह........4: gham ke aalam me tujhe yaad kiya karte he,jindagi jaise zeher ka kadwa ghoot pite he,pyaar agar dhoka he to iss dhoke me q jeena he,fir bhi tadapne ke liye log pyaar kiya karte he.....................5: छोड़ा हे तुमने मुझे इसके बाद कोई सज़ा न देना,छोड़ा हे तुमने मुझे इसके बाद कोई सज़ा न देना,देना चाहो तो शौक से दे दो मौत,मगर ग़म-ऐ-यादो की बहार न देना.................6: यादें तड़पा रही हे उसकी इस कदर की ,यादें तड़पा रही हे उसकी इस कदर की ,मानो मौत मिल रही हो मुझे किश्तों में............7: आसान नही होता हे किसी को दिल से निकलना,जब यादों में जो बस जाया करते हे,मुश्किल होता हे भूलना उन्हें,जो दिल में बस जाया करते हे....
Friday, November 14, 2008
wo hasin lamhe................
with continue to 'WO HASIN LAMHE'.
2: बिठाये रखते थे पलकों में उनको,
न कुछ दीखता था उनके सिवा,
याद रहती थी उसकी बातें हरदम,
उसकी बातों ने मेरे TOOTE हुए मुस्कुराते में में सिया,
ढूंढता हे 'अँधेरा' तन्हाइयों में,
मिल जाए उसे एक उजला दिया
मिल जाए उसे एक उजला दिया..........
Thursday, November 13, 2008
WOH HASIN LAMHE....................
मेरी दिल के करीब कुछ यादें और ग़म रहे .....
यादो में डूबे उन ग़म के हर लम्हों को मेने शब्दों में पिरोया हे,
डर हे कही बिछुड़ जाए न मुझसे 'वो लम्हे' (मोहब्बत से पहले के और वो लम्हे मोहब्बत के बाद के )...........................
शायद मेरे दर्द में वो बात हो जिसको में आप तक पहुचाना चाहूँगा...........SOMETHING IMOTIONAL........................:(