1: ये आँखे नही छोड़ सकती हे ग़म ,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम,
फिजाएं न महके, जो DHAAYE सितम ,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम..........
वो आए थे दिल में खुशी थी न कम ,
यू बहकी थी साँसे यू बहके थे हम,
वफायें मेरी तुझसे पूछे सनम,
क्या झूठे थे वादे क्या झूठी कसम ??
क्या झूठे थे वादे क्या झूठी कसम ??
हुयी हे ये आँखे अश्को से नम ,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम,
नही मुमकिन हे तुझको भूलू सनम........................
२: ख़त लिखा था मेने अश्को से मेरे,
ख़त लिखा था मेने अश्को से मेरे,
उड़ा ले गई हवा उसे बचाकर सितम से तेरे
उड़ा ले गई हवा उसे बचाकर सितम से तेरे.....
३: पहले अपना बनाया तुने,फ़िर चुरा ली नजरें,
पहले अपना बनाया तुने,फ़िर चुरा ली नजरें,
मगर दीवाने की वफ़ा में न आया बदलाव कोई...........!
४: एक न एक दिन तुझको मेरी याद बहुत आएगी,
ये तन्हाई की रातें कभी तुझको भी बहुत रुलाएगी,
था कोई नुझ्पे मरने वाला,में थी बेकदर बेवफा,
यही सोचकर तू रातो को अश्क बहाएगी।
तू रातो को अश्क बहाएगी.......!
५: तेरी याद में डूब जाने के लिए शराब पिता हु,
एक दिन तू आएगी ,बस इसी इंतज़ार में जीता हु,
कभी तोह देख लो आ कर अपने दीवाने की बेबसी,
केसे तेरे दिए जख्मो को उम्मीद के धागों से सीता हु.
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