Friday, November 14, 2008

wo hasin lamhe................

1: जुदाई एक पल की उस से,सहन नही की जाए,
देखू न एक तलक भी उसे तो बेचैनी बढाती जाए,
होता न सवेरा उसके बिना,केसे दूरियां मिटाई जाए ???
बस देखू जब उसे में तभी मेरे दिल को चैन आए ...............!
2: करते थे मुहब्बत हमसे भी वो,
न शक था कहने से डरते थे वो,
मुहब्बत ऐसी थी की छिपाए न छिपती,
उसे भी ख़बर थी प्यार करते थे दिल दो....................
3: सपनो में होती थी मुलाकात उनसे ,
दिन कट जाता था दीदार से उनके,
भूल चुके थे दुनिया दूसरी ,
याद रहती थी मुस्कराहट उसकी............
4: मत इतरा ऐ चाँद अपनी चांदनी पे तू,
तुझ में तो फ़िर भी दाग हे,
jab मिलेगा सनम से मेरे तू,
भूल जाएगा दिखना ईद के दिन.........

No comments: